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NAMAZ KI NIYAT IN HINDI नमाज़ों की नीयत


NAMAZ KI NIYAT IN HINDI


नमाज़े फ़जर की दो रक्त सुन्नत

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, फज्र की, सुन्नत रसूले पाक की, वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

फज़र की दो रक्अत फ़र्ज़

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, फज्र की, फर्ज,वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

जुहर की चार रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने चार रकअत नमाज,जुहर की, सुन्नत रसूले पाक की,वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

जुहर की चार रक्अत फर्ज़

नीयत की मैने नमाज़ ,जुहर की,चार रकअत फर्ज, वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर,NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

जुहर की दो रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने दो रक्अत नमाज़, जुहर की, सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर,

जुहर की दो रक्अत नफ़्ल

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज जुहर की, नफ्ल, वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

असर की चार रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ अस्र की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

असर की चार रक्अत फर्ज

नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़ असर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा) शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

मगरिब की तीन रक्अत फ़र्ज़

नीयत की मैंने तीन रकअत नमाज मगरिब की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

मगरिब की दो रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर,

मगरिब की दो रक्अत नफ़्ल

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, मगरिब की, नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

इशा की चार रक्अत सुन्त

नियत की मैंने चार रकात नमाज, इशा की, सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ़ अल्लाहु अकबर.

इशा की चार रक्अत फ़र्ज़

नीयत की मैंने चार रकअत नमाज़, इशा की, फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

इशा की दो रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, इशा की, सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अललाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर.

इशा की दो रक्अत नफ्ल

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, इशा की, नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

वित्र की तीन रक्अत वाजिब

नीयत की मैंने तीन रकअत नमाज, वित्र की, वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर.NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

इशा की दो रक्अत नफ़्ल

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़, इशा की, नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

मस्जिद में दाखिल होने की दो रकअत सुन्नत

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ मस्जिद में दाखिल होने की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर,

जुमः की चार रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने चार रकअत नमाज, जुमः | की, सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर,

जुमः की दो रक्अत फर्ज़

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़, जुमअः| की, फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

जुमः की चार रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने जुमः की चार रकअत सुन्नत । सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

जुमः की दो रक्अत सुन्नत

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ जुमा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहुअकबर.

जुमअ: की दो रक्अत नमाज़ नफ्ल

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, जुमः की नफ्ल, वास्ते अल्लाह तआला के मुह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहुअकबर,NAMAZ KI NIYAT IN HINDI

नमाज़े ईदुल फित्र

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़, ईदुल फित्र की, वाजिब छः जाइद तकबीरों के साथ, वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर.

नमाज़े ईदुल अज़हा

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज, ईदुल अजुहा की, वाजिब, जाइद छः तकबीरों के, वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर.

दो रक्अत नमाज़े तरावीह

नीयत की मैंने दो रकअत नमाज़ तरावीह की, सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा कअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर

नोट:

(1) नमाजे नफ्ल की नीयत ख़्वाह जुहर की हो या मगरिब या इशा की सबकी नीयत एक ही जैसी है।
(2) फ्जों की नीयत में (इक्तदयतु विहाजल इमाम) भी कहे जबकि जमाअत से पढ़ता हो।

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